शमा की महफ़िल ही क्या,
जिसमे परवाना जल कर ख़ाक न हो,
मज़ा तो तब आता है चाहत का मेरे यार,
जब दिल तो जले मगर राख न हो।
टूटा हो 💔दिल तो दुःख होता है,
करके मोहब्बत किसी से ये 💓दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से 💖मोहब्बत हो और उसके 💕दिल में कोई और होता है।
इस पेज पर 3d images बहुत जल्द उपलब्ध कर दिये जायगे | असुविधा के
लिए हमे खेद हैं
दिल से बड़ी कोई क़ब्र नहीं है,
रोज़ कोई ना कोई एहसास दफ़न होता है....!
रंग तेरी यादों का उतर न पाया अब तक,
लाख बार खुद को आँसुओं से धोया हमने।..
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी !
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख,
सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी....!
हमारे आंसू वो जान न सके,
मोहब्बत की कहानी वो मान न सके,
कहा था उन्होंने मरने के बाद भी याद करेंगे,
जीते जी तो वो याद कर न सके....
sad shayari hindi hd image (बेवफा शायरी)
वह तो अपने दर्द रो-रो के सुनते रहे,
हमारी तन्हाईओं से आँख चुराते रहे,
और हमें बेवफ़ा का नाम मिला, क्यूंकि !
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे…?
चाँद से कहो चमकना छोड दे,
सितारोँ से कहो टिमटिमाना छोड दे,
तुम मुझसे मिलने नहीँ आती तो,
अपनी यादोँ से कहो मुझे सताना छोड दे...!
sad shayari in english
एक जुर्म हुआ है हम से एक यार बना बैठे हैं,
अपना उसको समझ कर सब राज़ बता बैठे हैं,
फिर उसकी प्यार की राह में दिल ओर जान गवा बैठे हैं,
वो याद बहुत आते हैं जो हमको भुला बैठे हैं....
तेरी आँखों से यू तो सागर भी पिए हैं मैने,
तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए हैं मैने…
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हमको,
हम ने पुछा कैसे !!
वो चले गये हमारे हाथो मे जाम देकर…
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुई शराब सुबह उतर जाएगी...!
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देखो,
सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी....!
आँखों में दोस्तो जो पानी है,
हुस्न वालों की ये मेहरबानी है.. |
आप क्यों सर झुकाए बैठे हैं,
क्या आपकी भी यही कहानी है ...||
वो किसी और की खातिर हमें भूल भी गए तो कोई बात नहीं,
हम भी तो सारा जंहा भूल गए थे कभी उनकी खातिर..
गुस्सा इतना है कि तुझ से कभी बात भी ना करो,
फिर भी दिल में तेरी फिक्र्र, कम्बख्त खुद से ज्यादा है....!
छोड दीया किस्मत की लकीरो पर यकिन करना,
जब इन्सान बदल सक्ता है तो किस्मत क्या चीज है ..
कुछ खास नहीं बस ज़रा सी तकलीफ में है ज़िन्दगी,
उसे हादसे ज़्यादा चाहता हु और वो किसी और को.
भुला दुंगी तुझे ज़रा सब्र तो कर,
तेरी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा.
मेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफ़ा का कसूर,
जो भी दिल के करीब आया वही बेवफा निकला.
जिस दिन करे गा याद मेरी मोहब्बत को,
बहुत रोये गा खुद को बेवफा कह के.
हम तो बिछड़े थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए,
मगर तुम ने तो मेरे बिना जीना ही सिख लिया...!
धोखा देने के लिए शुक्रिया पगली,
की तुम ना मिलते तो दुनिया समझ में ना आती...!
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हूं मैं यह सोच कर नींद से अक्सर,
की एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी...!
खुशियां तकदीरों में होनी चाहिए,
वरना तस्वीरों में तो हर कोई खुश नजर आता है,
बिछड़ते वक़्त मेरे हर ऐब गिनाये उसने,
सोच रहा हूँ जब मिला था उससे तब कौन सा हुनर था मुझमें...!
मैंने देखा है तुझे गैरों से दिल लगाते हुए,
मेरे यकीन की कश्तिया यूँ ही तो नहीं डूबी....!
मुझे आज भी यकीन है तुम आओगे लौट के एक दिन,
वो एक दिन मेरी मौत का क्यों न हो...!
मैंने पहले ही कहा था कोई नही है इस दिल मे तुम्हारे सिवा,
मगर तुम्हे तो तसल्ली, दिल तोड़कर ही करनी थी.
तुझे शिक़ायत है की मुझे बदल दिया वक़्त ने,
कभी खुद से भी सवाल कर क्या तू वही है...!
मैंने मेरी खुशियों की तिजोरी उस के हवाले की थी,
उसने मेरी.साड़ी खुशियाँ ही चुरा ली.
कसूर उनका नहीं जो मुझ से दूरियां बना ली है रिवाज़ है,
ज़माने में, पढ़ी किताबों को न पढ़ने का...!
मुझसे दूर जाने की वजह तो बता देते,
मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ार थे...!
मुद्दतो बाद लौटे है तेरे शहर मैं,
एक तुझे छोड़ कर कुछ भी तो नहीं बदला...!
आज मेरे छूने पर भी ऐतराज़ करता है वो शख्स,
जो सारी रात मेरी बांहों में सोया करता था...!
वो वादे वो कसमें,
वो हर रोज़ की बातें,
यकीन ही नहीं होता की,
वो किसी और के हो गए...!
मेरी कहानी सुन कर अकसर लोग रो देते है,
काश कभी उसे भी अपने किये का अफ़सोस हो.
कुछ इस तरहा से नाराज़ है वो हमसे,
जैसे उन्हें किसी और ने मना लिया हो..!
वही हुआ न तेरा दिल, भर गया मुझसे,
कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम करती हो…!
वो भी एक वक़्त था जब सबसे तेरी ही बातें होती थी,
आज कोई तेरा नाम भी ले तोह हम बात बदल देते हैं...!
कर दिया कुर्बान खुद को हम ने वफ़ा के नान पर,
छौर गए वो हमको अकेला किसी और के नाम पर..!!
बहुत करीब से अनजान बनकर गुज़र गए वो,
जो बहुत दूर से हमें पहचान लिया करता था...!
मत दूर जाना हमसे कभी इतना कि वक़्त को फासले पर अफ़सोस हो जाये,
क्या पता कभी तुम लौट के आओ और हम मिटटी में खामोश हो जाएँ...!
मैं बद दुआ तो नहीं दे रहा हूं उसको मगर,
दुआ यही है उसे मुझ जैसा अब कोई न मिले...!
वो बोलते थे तुम्हारे प्यार के लिए जान भी दे देंगे,
आज वही बोल रहे है छोड़ दो मुझे मेरी ज़िन्दगी का सवाल है...!
दुआ ये हैं इस बीमारे मोहब्बत की...!
सर भी न दुखे, उसका दिल जिसने दुखाया हैं...!!
कितने झूठे होती हैं मुहब्बत की कसमें,
तुम भी जिंदा हो और मैं भी...!
कैसा अजीब रिश्ता है दिल का ए दिलवाले,
दिल आज भी धोके में है और धोखे बाज़ आज भी दिल में...!
जब तक न लगे बेवफाई की ठोकर,
हर किसी को अपनी मोहब्बत पे नाज़ होता है...!!
कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का वो बा-इज़्ज़त बरी है,
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये...!!
मैं टूटी हूँ जिस की यादों में, मुझे यकीन है,
समेटेगा वही एक दिन मुझे पागलों की तरह....!!
तुझ से दूर जाने का कोई इरादा न था पर,
रुकते आखिर कैसे जब तू ही हमारा न था.
एक बार जी भर के सज़ा किंव नहीं देते,
अगर हार्फ़-ए-खता हू तो मीटा किंव नहीं देते,
साया हु तो साथ ना रखने की वजा क्या है,
पत्थर हु तो रास्ते से हटा किंव नहीं देते ...!
मेरा एतबार कम था किसी के एतबार के सामने,
मेरा इंतेजार काम था किसी के इंतेज़ार के सामने,
दे दी उसने अपनी चाहत किसी और को,
शाय़द मेरा प्यार कम था किसी के प्यार के समने.
तुम वो हो जिस को हम खोना नहीं चाहते,
और हम वो हैं जिसके तुम होना नहीं चाहते.
मुझे गरीब समझ कर महफ़िल से निकाल दिया,
किया चाँद की महफ़िल में सितारे नहीं होते..!
अब मायूस क्यों हो उसकी बेवफाई पर,
तुम खुद ही कहते थे वो सबसे अलग है...!
गैरो पर मरने की उनकी फितरत थी,
मेरी मोहब्बत से उन्हें शिकायत थी,
सारी दुनिया को चाहते थे वो अपनाना,
बस.....
एक मेरे ही नाम से उन्हें नफरत थी.
एक छोटी सी गलती पर तू मुझे छोड़ गयी,
जैसे तू सदियों से मेरी एक गलती की तलाश में थे..!
रंजिशें तो हो ही जाती हैं मुहब्बतों में मगर,
तुम से ये किस ने कहा के मुझे अकेला छोड़ दो.
क्यों नहीं महसूस होता उन्हें दर्द मेरा,
जो कहते थे बहुत अच्छे से जानता हू में तुम्हे...!
अब क्या फायदा बादलों के बरसने और गरजने का….?
वो शख्स ही अपना ना रहा
जो बिजली गरजने के डर से गले लग जाता था..!
बड़े खुश है आज मेरे बिना भी वो,
जो दूर जाने के ज़िकर पे होंठों पे हाथ रख देता थे
हमें देख कर जब उन्होनें मुँह मोड लिया,
एक तसल्ली सी हो गयी कि चलो पहचानते तो है..?
गुज़र गया आज का दिन भी यूँही बे-वजह,
न हमे ही फुर्सत मिली और न तुम्हे ही ख्याल आया...!
तुझे रातों को इस कदर याद करता हूँ,
जैसे कल इम्तिहान हो मेरा तेरी यादों का ...!
आज तक है दिल को उसके लौट आने की उम्मीद,
आज तक ठहरी हुई है मेरी ज़िन्दगी अपनी जगह..!
मेरे लिए तो सारा ज़माना है वो एक शख्स,
जिसके लिए मैं कोई भुला सा लम्हा भी नहीं हूँ...!
मैंने तुम्हारी मजबूरी समझी और तुम्हे जाने दिया,
तुम भी मेरी मजबूरी समझो और अब वापस आ जाओ..!
बहुत भीड़ हो गयी है तेरे दिल में,
अच्छा हुआ हम वक़्त पर निकल गए ..!
मैं चाहूं तो तेरे जैसे हजार यूं खड़ी कर सकता हूँ,
ये तो दिल की जिद थी कि तू नहीं तो तेरे जैसे भी कोई नहीं...
तुमने हम को छोड़ तो दिया, मगर एक बात तो बताते जाओ,
हम ने वफ़ा नहीं की, या तुम को किसी बेवफा की तलाश थी...!!
जितना मीठा उसका लहज़ा था....उतनी ही कड़वी उस की बात,
गले से लग कर बोली "मुझे भूल जाओ ना प्लीज.
आज कोई शायरी नहीं बस इतना सुन लो,
मैं तनहा हूँ और वजह तुम हो.. ?
अभी बाकि है कुछ उम्मीदें उनसे,
जो मेरी सारी उन्मीदें तोड़ कर चले गए...!
मैं जानता हु की में उसके बिना जी नहीं सकता,
हाल उसका भी यही है पर किसी और के लिए...!
ना रोया कर सारी सारी रात किसी बेवफा की याद में..!
वो खुश है अपनी दुनिया में तेरी दुनिया उजाड़ कर...!!
एक वक़्त था जब उसका एक पल नहीं गुजरता था मेरे बिना,
और ये भी एक वक़्त है जब उसके पास एक पल भी नहीं है मेरे लिए...!!
तुम आज मुझे गैर समझते हो तोह समझो,
मगर जब मतलबी लोगो से मिलोगे तोह, तब मुझे ही याद करोगे...!
एक बेवफा को ना आये हमारे वफ़ा का यकीन,
हमने कहा मर जायेंगे हम,
उसने कहा आमीन.
वो मेरा वहम था की वो मेरा हमसफ़र है,
वो चलता तो मेरे साथ था पर किसी और की तलाश में...!
उन्हें बेवफा जो कहु'न तो तोहीन है वफ़ा की...!
वो वफ़ा निभा तो रहे हैं,,,
कभी इधर,,,
कभी उधर,,,
बेवफा होने की हज़ारो मजबूरिया गिना देते है लोग,
काश वफ़ा करने की भी एक मज़बूरी होती...!
दिल लगी थी उसे हम से मोहब्बत कब थी,
मैफिली-ऐ-गैर से उन को फुरसत कब थी,
हम थे मोहब्बत मे लुट जाने के कबील,
उस के वादो मे वो हकीकत कब थी...
वो बेवफा न था यूँ ही बदनाम हो गया,....
हजारों चाहने वाले थे वो किस किस से वफ़ा करता..!
भला हाथों की लकीरें भी मिटटी हैं कभी...!!!
कितना पागल है मेरा नाम मिटाने वाला...!!!
मेरे बाद किसी को अपना हमसफ़र बना के
देख लेना तेरी ही धड़कन कहेगी,
उसकी वफ़ा में कुछ और बात थी.!
ये भी आदाब हमारे हैं तुम्हें क्या मालूम,
हम तुम्हें जीत के हारे हैं तुम्हें क्या मालूम.!
ऐसा कौन आया है तेरी ज़िन्दगी में,
जो तुझे मेरी याद का मौक़ा भी नहीं देता...!!!
फ़िकर तो तुम्हारी आज भी है ... !!
बस ज़िक्र करने का हक नहीं राहा अब ... !!!
इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है,
तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी,
जबकि दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है...!!
गुजर गया वक़्त जब हम तुम्हारे तलबगार थे,
अब ज़िन्दगी बन जाओ तो भी हम तुम्हे क़ुबूल नहीं करेंगे.!!
हर एक शख्स ने अपने अपने तरीके से इस्तेमाल किया हमें,
और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते हैं !!...
तेरे साथ चलते है तेरे चाहने वेले .... !!
अब तुझे हमारी जरुरत ही क्या है ... !!
माना के मर जाने पर भुला दिए जाते है लोग ज़माने में..,
पर मैं तो अभी जिन्दा हूँ फिर कैसे उसने मुझे भुला दिया..?
बहुत बहुत बहुत रोएगी जिस दिन मै याद आऊँगा,
और बोलेगी एक पागल था जो पागल था सिर्फ मेरे लिये।
हो गई थी दिल को कुछ उम्मीद सी तुमसे...!!!
खैर तुमने जो किया अच्छा किया...!!!
मत चाहो किसी को इतना की बाद मे रोना परे,
क्यू की ये दुनिया दिल से नहीं जरुरत से प्यार करती है?
Gum Shayari
उदास हो तुम कभी तो मेरी हंसी मांग लेना,
गम हो तो मेरी ख़ुशी मांग लेना,
रब तुझे लम्बी उम्र दे,
एक पल भी कम पड़े तो,
तुम मेरी जिन्दगी मांग लेना।
मेरी जान को हमेशा खुश रखना ए खुदा।
उसके जख्मों की कीमत मेरी जिंदगी से काट लेना....
वो लाख तुझे पूजती होगी, मगर तू खुश न हो ए खुदा।
वो पगली मन्दिर भी जाती है तो बस मेरी गली से गुजरने के लिए।
कागज़ पर रख कर खाना खाए तो भी कैसे…
खून से लथपथ आता है अखबार आजकल....!
रोती हुयी आंखोन में इंतेजार होता है,
ना चाहते हुये भी प्यार होता है,
किंव देखते है हम वो सपने,
जिन के टूटने पर भी उन के सच होने का इंतजार होता है ...
हमने भी कभी प्यार किया था,
थोडा नही बेशुमार किया था,
दिल टूट कर रह गया, जब उस ने कहा,
मैने तो मज़ाक किया था ...
इंतेजार की अरजू अब खु गई,
खामोसियो की आदत हो गई है,
ना शिकवा राहा ना शिकायत किसी से,
अगर है तो इक मुहब्बत,
जो ईन तन्हाईयो से हो गई है ...।
आंखें में आ जाते हैं आसु,
फिर भी लबो पे हसी रखनी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज है यारो,
जिस से करते है उसी से छुपानी पड़ती है ...
मेरे आँखों में दोस्तो जो पानी है,
हुस्न वालों की ये मेहरबानी है,
आप क्यों सर झुकाए बैठे हैं,
क्या आपकी भी यही कहानी है ....||
नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते ह,
कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा
हम जाम मै तलाश किया करते है…!
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताए हुए लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं... |
तेरा दिल उदास क्यों है ?
तेरी आँखों में प्यास क्यों है ?
जो छोड़ गया तुझे मझदार में ,
उससे मिलने की आस क्यों है ?
जो दे गया दर्द ज़िन्दगी भर का ,
वही तेरे लिए ख़ास क्यों है ???
एक जुर्म हुआ है हम से एक यार बना बैठे हैं,
कुछ अपना उस को समझ कर सब राज़ बता बैठे हैं,
फिर उस के प्यार की राह में दिल और जान गवा बैठे हैं,
वो याद बहुत आते हैं जो हम को भुला बैठे हैं....
आँखों मे आ जाते है आँसू,
फिर भी लबो पे हंसी रखनी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो,
जिस से करते है उसी से छुपानी पड़ती है….
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है....
इश्क़ नही किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द को सहना सीखा देता है…
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने,
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने...
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने....
रोज़ अपनी अंखो को सुला देते है हम,
ये बहाना करके की कल सनम का दीदार होगा!
सारी रात तुम्हारी याद में खत लिखते रहे....?
पर दर्द ही कुछ इतना था,
अश्क बहते रहे और अल्फ़ाज़ मिटते गए....!
ना मेरा दिल बुरा था,
ना उसमे कोई बुराई थी,
सब नसीब का खेल है,
बस किस्मत में ही जुदाई थी.
ना ख़ुशी की तलाश है, ना ग़म-ए-निजात की आरज़ू,
मैं खुद से ही नाराज़ हूँ, तेरी नाराज़गी के बाद....!
मैं तड़पता रहता हूं उस पगली से बात करने को,
उसे गैरो से फुर्सत नहीं मुझे याद भी करने को.!
ये ना पूछ शिकायतें कितनी हैं तुझ से,
तू बता तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं.
आंसू भी है आँखों में दुआएँ भी है लब पर,
बिगड़े हुए हालात सवर किंव नहीं जाते.
ये इश्क़ भी बड़ी नामुराद चीज है उसी से होता है,
जो किसी और का होता है.!
हो खुशी भी उनको यह जरूरी तो नहीं,
गम छुपाने के लिए भी मुस्कुरा लेते हैं लोग.
वो ना ही मिलते तो अच्छा था,
बेकार में मोहब्बत से नफ़रत सी हो गयी.
हम उसकी अास में यु बैठे हैं,
जैसे ला इलाज को इंतज़ार हो मौत का..!
बस मिटटी का लिबास ओढ़ने की देर है हमें ए दोस्त,
फिर हर शख्स ढूँढेगा आँखों में नमी ले कर.
तुम ये मत समझना के हम तुम्हारे बगैर जी नहीं सकते,
बस! तुम पास न हो तो साँस रुक जाती है..
खवाब, ख़याल, हकीकत, यक़ीन, ग़म और तन्हाईयाँ,
ज़रा सी उमर है मेरी,किस किस के साथ गुज़ारू...?
कुछ गुनाह उमर भर मेरे साथ चलते रहे,
प्यार को तरसते थे और तरसते ही रहे.
जो था ही नहीं मेरा उसे खाेना कैसा,
जब रेहना ही हैं तन्हा तोह फिर रोना कैसा..!
तकलीफ न उठाओ वापस आने की,
उम्मीदें बहा दी है मैंने आँखों से.
आवाज़ कहाँ से सुनोगे मेरी सिसकियों की,
मुझे तो हँसते हँसते रोने की आदत है.
सजा बन जाती है गुज़रे हुए वक़्त की यादें,
न जाने क्यो छोड़ जाने के लिए मेहरबान होते है लोग...!
न जाने क्यों ये ज़ख़्म अभी भी भरते नहीं,
इश्क की चोट खाए तोह एक ज़माना गुज़र गया...!
नाकाम हुए हम दोनों बहोत बुरी तरह ,
तुम मुझे चाह न सके और हम तुम्हें चाह कर भी पा न सके...!
मेरी मजबूरियों को मेरी बद किस्मती मत समझना यारो,
क्यों के हम उन राहों से भी गुज़रे हैं जंहा
किस्मत तो दूर साया भी साथ छोड़ जाता है.
सोचा ही नहीं था मैंने ऐसा भी ज़माना होगा,
रोना भी ज़रूरी होगा और आंसू भी छुपाने होंगे...!
कैसे भुला दूँ मैं उस की यादों को ?
मौत इंसान को आती है यादों को नहीं...!
जाने क्यों लोग हमे आजमाते है,
कुछ पल साथ रहने के बाद दूर चले जाते है,
सच ही कहते है लोग की सागर के मिलने के बाद,
लोग बारिश को भूल जाते है.
अगर ख़ुशी मिलती है उसे हम से जुदा होकर,
तो दुआ है ख़ुदा से कि उसे कभी हम ना मिलें.
मालूम है मुझे वोह न मेरे थे न कभी होंगे,
बस ज़रा सा शौक है उस के लिए खुद को तबाह करने का...!
अब मौत से कहो हम से नाराज़गी ख़तम करले,
थक गया हूँ मैं दर्द छुपाते-छुपाते...!
वाह मेरे मेहबूब बड़ी जल्दी ख्याल आया मेरा,
अब बस भी करो चूमना और उठ भी जाने दो जनाज़ा मेरा...!
बड़े शौक से करो मोहब्बत ए दिलवालो,
मगर इतना सोच लेना किसी काम के न रहोगे बिछड़ने के बाद…!
आज वोह मिली थी रास्ते पर, पूछ रही थी कहा रहते हो,
हम ने भी मुस्कुरा कर कह दिया " नशे " में...
मुझे यकीन है के तू मेरी कभी नहीं होंगी,
लेकिन न जाने मुझे अपने यकीन पे यकीन क्यों नहीं आता.
तुम हमारी किसी बात का जवाब नहीं देती तो कोई ग़म नहीं....!
आओगे तुम जब हमारी कबर पर तो हम भी ऐसा ही करेंगे....!!
तुम आना मेरे जनाजे में एक आखरी हसीन मुलाकात होगी,
मेरे जिस्म में बेशक मेरी जान न हो,
पर मेरी जान मेरे जिस्म के पास तो होगी.
हर शख्स मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बताता है,
उन्हें कैसे समझों की,
एक ख्वाब अधुरा है मेरा,
वरना जीना तो मुझे भी आता है..!!
तू इंकार ही कर दे मगर कुछ गुफ्तगू तो कर,
तेरा खामोश रहना मुझे बहोत तकलीफ देता है..?
दिल टूटा है तो अपनी ही गलती से,
उस ने कब कहा था की तू मुहब्बत कर...!
हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं,
क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा...!
गुज़र तोह जायेगी ज़िन्दगी उस के बगैर भी लेकिन,
तरसता रहेगा दिल प्यार करने वालों को देख कर.
काफी दिनों से एक ख़्वाहिश सी रही है मुझ को,
की किसी उदास शाम में वह आ कर कहे,
बंद करो ये रोना लो हम लौट आये तुम्हारे लिए ...!
पागल था मैं जो इश्क़ में उसे अपनी ज़िन्दगी समझ बैठा,
यह जानते हुए भी कह ज़िन्दगी कभी वफ़ा नहीं करती...
हम सारी दुनिया भूल गए उनकी मोहब्बत में आकर,
और वो हमे यह कह कर छोड़ गया की "
तुम सारी दुनिया के नहीं हुए तो मेरे कैसे हो सकते हो...!
बहुत देर कर दी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में...!
वो दिल नीलाम हो गया जिस पर कभी हकुमत तुम्हारी थी...!!
रात भर गिरते रहे उनके दामन पर मेरे आंसू,
सुबह होते ही वोह बोले कल रात बारिश बहुत थी...!
बहुत थक गया हु दिन भर,
तेरी राह देखते देखते,
हो इज़ाज़त तो सो जाऊ,
तेरी यादों को सीने से लगा कर...!!
बंद कर दिए है हमने भी दरवाजे ख्वाहिशो के,
पर तेरी यादें दरारों से भी चली आती है...!!
बहुत मुश्किल होता है, उस इंसान को भूल पाना,
जिस ने बहुत साडी यादें दी हो...!!
मुद्दतो पहले हम अजनबी थे और आज भी हम अजनबी है,
कौन कहता है गुज़रा दौर वापस नहीं आता...!!
कितने मासूम होते है यह आँखों के आंसू भी,
यह निकलते भी उनके लिए है जिनको परवाह तक नहीं होती...!!
टूट कर बिखर जाता है मेरा नाज़ुक सा दिल,
जब कोई पूछता है क्या तुम ने भी किसी से प्यार किया था...!!
फोन में कुछ नंबर सेव कर रखे हैं,
कुछ रिश्ते हैं मेरे जो अब बस फोन में ही बचा के रखे हैं...!!
लिखा हुआ था किस्मत में मेरी ये....उसे तो मुझ से रुठना ही था,
दिल मेरा शीशे सा....और शीशे का अंजाम तो....टूटना ही था.?
दुनिया की भीड़ में कोई न कोई पुराना चेहरा दिख ही जाता है,
बस नहीं दीखता तो वही जिसे दिल एक पल भी भूल नहीं पाता है...!!
अंधेरे का ज़रा भी, खौफ़ नहीं तुम्हारी यादों को,
कमबख्त, रातों में भी चली आती है रूलाने मुझे...।
थोड़ी मुस्कुराहट उधर देदे मुझे ए ज़िन्दगी,
कुछ अपने आ रहे है, मिलने की रस्म अदा करनी है...!
मेरी ख़ामोशी की वजह इश्क़ है,
वर्ना तुझे तमाशा हम भी बना देते...!!!
इस दुनिया में अजनबी ही रहना थिक हैं,
लोग बहुत तकलिफ़ देते है अक्सर अपन बना कर ... !!!
पत्थर दिल ही होते है यह शायर,
वरना अपनी बर्बादी पर वह वह सुन्ना मज़ाक नहीं...!!!
एक ही शख्स काफी होता है ग़म बांटने के लिए,
महफ़िल में तो बस तमाशे बनते है...!
मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे छोड़ दूं,
तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिया है...!!
तकलीफ ये नही है की किस्मत ने मुझे धोखा दे दिया,
अफ़सोस तो यह है की मेरा यकीन तुम पर था, किस्मत पर नहीं...!!
ग़म तो लिखा सो लिखा तक़दीर ने मेरी ज़िन्दगी में,
युह देर रात तक नींद न आना किस गुनाह की सजा है...!
कूछ ज़ख्म इंसान के कभी नही भरते.!
बस इंसान उन्हे छुपाने का हुनर सीख जाता है...!!
चाहने वाले बड़ी किस्मत से मिलते हैं,
तुम भी ये कहोगी मेरे जाने के बाद...
बस रिश्ता ही तो टूटा है,
मोहब्बत तो आज भी हमें उनसे है.!
फासलों का एहसास तब होता है,
जब हम कहे "में ठीक हु" और वो मान भी लें...!!!
लोग दीवाने हैं बनावट के,
हम कहाँ जाएँ सादगी लेकर...!
मक़ाम-इ-मोहब्बत तुम ने समझा ही नहीं...!
जहाँ तक तेरा साथ वहीँ तक मेरी ज़िन्दगी...!!
किस्मत की एक बात सोच कर मै हर गम सह लेता हु ...!
जब इसने मुझसे हर एक को दूर कर दिया तो
एक दिन इन गमों को भी दूर कर ही देगी...!!!
मेरे दिल का समन्दर आज बड़ा खामोश सा है...!!!
लगता है आज रात उसकी यादो का तूफ़ान आएगा...!!!
चलते रहेंगे काफिले मेरे बगैर भी यहाँ,
एक तारा टूट जाने से फलक सूना नही होता..!
कितना मुश्किल था उस को हमेशा के लिए खुदा हाफिज कहना...!
काश उस वक़्त हम बे-ज़बान होते...!
अा जाता है खुद खिच कर दिल सिने से पटरी पर .!
जब याद की सरहद से एक रेल गुज़रती है ..!
मेरे हाथों ने तेरा हाथ फकत इस लिए छोरा,
तू इतनी अनमोल है के मै तेरी किमत ना दे सका.
टिकटें लेकर बैठें हैं,मेरी ज़िन्दगी की कुछ लोग,
तमाशा भी भरपूर होना चाहिए.!
इश्क करना है तो दर्द भी सहना सिखाे ...!
वर्ना एैसा करो अनपी औकात मे रहना सिखाे ... !!!
कोन कहता है मुसाफिर जख्मी नहीं होते,
रास्ते गवाह है पर कम्बख्त रास्ते गवाही नहीं देते.
कोई नहीं पुछता, हाल हमारा तो क्या हुआ,
आज नही तो कल सारा जमाना पुछेगा "उसे हुआ क्या था ... !!
रुलाया ना कर हर बात पर एै जिंदगी,
जरुरी तो नही सब की किस्मत मे चुप कराने वाला हो? ...
पलकों में आंसू हथेली पर दर्द सोया है,
हंसने वाला क्या जाने रोने वाला कितना रोया है ,
यह तो वही जान सकता है
जिसने प्यार पाने के बाद खोया है.
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी,
एक हम है की पी के भी तेरा नाम लेते रहे !
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